पढ़ाई में कमजोर बच्चो के लिए बसंत पंचमी पर विशेष ज्योतषीय उपाय

डॉ श्रद्धा सोनी, वैदिक ज्योतिषाचार्य, रत्न विशेषज्ञ

ज्ञान . बुद्धि .तीव्र स्मरण शक्ति. विवेक और यश प्राप्ति का पर्व वसंत पंचमी. लेखन, कला, शिक्षा, संगीत आदि कार्यों से जुड़े लोगों, पढ़ाई में कमजोर छात्रों के लिए इस दिन का विशेष महत्व है.

बसंत पंचमी के दिन हर घर में सरस्वती की पूजा भी की जाती है। दूसरे शब्दों में बसंत पंचमी का दूसरा नाम सरस्वती पूजा भी है। सरस्वती पूजन एवं ज्ञान का महापर्व है.

प्राचीन समय में बसंत पंचमी के दिन बच्चों की जीभ पर केसर से मां सरस्वती की उपासना का बीज मंत्र लिखा जाता था, जिससे बच्चा बुद्धिमान बन सके. यह प्रथा आज भी कहीं-कहीं प्रचलित है.

ऋग्वेद में सरस्वती देवी के असीम प्रभाव व महिमा का वर्णन है। माँ सरस्वती विद्या व ज्ञान की अधिष्ठात्री हैं।

बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजन , हवन ,और व्रत आदि करने से वाणी मधुर होती है, स्मरण शक्ति तीव्र होती है, सौभाग्य प्राप्त होता है, विद्या में कुशलता प्राप्त होती है। पति-पत्नी और बंधुजनों का कभी वियोग नहीं होता है तथा दीर्घायु एवं निरोगता प्राप्त होती है।

हर राशि के छात्र अपनी राशि के शुभ पुष्पों से मां महासरस्वती की साधना कर सकते हैं। परीक्षा में पूर्ण सफलता के लिए वसंत पंचमी पर जन्मकुंडली अनुसार उपाय –

मेष और वृश्चिक राशि के छात्र लाल पुष्प विशेषत: गुड़हल, लाल कनेर, लाल गैंदे आदि से आराधना करके लाभ उठाएं।

वृष और तुला राशि वाले श्वेत पुष्पों तथा

मिथुन और कन्या राशि वाले छात्र कमल पुष्पों से आराधना कर सकते हैं।

कर्क राशि वाले श्वेत कमल या अन्य श्वेत पुष्प से,

सिंह राशि के लोग जवाकुसुम (लाल गुड़हल) से आराधना करके लाभ पा सकते हैं।

धनु और मीन एवं के लोग पीले पुष्प

मकर और कुंभ राशिके लोग नीले पुष्पों से मां सरस्वती की आराधना कर सकते हैं।

इस दिन हवन में केसर या हल्दी मिश्रित हलवे की आहुतियां विशिष्ट मंत्रो के साथ देनी चाहिये।

माँ सरस्वती के मन्त्र –

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नम:

का जाप करके आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
इस मन्त्र के जाप से जन्मकुण्डली के लग्न (प्रथम भाव), पंचम (विद्या) और नवम (भाग्य) भाव के दोष भी समाप्त हो जाते हैं। इन तीनों भावों (त्रिकोण) पर श्री महाकाली, श्री महासरस्वती और श्री महालक्ष्मी का अधिपत्य माना जाता है। मां सरस्वती की कृपा से ही विद्या, बुद्धि, वाणी और ज्ञान की प्राप्ति होती है।

बसंत पंचमी को सभी शुभ कार्यों के लिए अत्यंत शुभ मुहूर्त माना गया है। बसंत पंचमी को अबूझ मुहूर्तों में शामिल किया जाता है. बसंत पंचमी के दिन शुभ कार्य जिसमें विवाह, भवन निर्माण, कूप निर्माण, फैक्ट्री आदि का शुभारम्भ, शिक्षा संस्थाओं का उद्धघाटन करने के लिये शुभ मुहूर्त के रुप में प्रयोग किया जाता है.

विशेष
अगर आप का बच्चा बोलने में कठिनाई महसूस करता है, हकलाता या तुतलाता है तो इस दिन उसकी राशि के अनुसार महाउपाय और मां सरस्वती की पूजा उसके लिए लाभकारी सिद्ध हो सकती है.

विशेष :
वसंत पंचमी को निम्न मंत्र की माला करने से अनन्य फल की प्राप्ति होती है।

मंत्र :
ॐ वीणावादिनी विद्महे ज्ञानदायिनी च धीमहि तन्नो शारदैय प्रचोदयात।।’

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